Kankaria Mar Ke Jagaya
कंकरिया मार के जगाया
कल तू मेरे सपने में आया
बालमा तू बड़ा वो है
ज़ालमा तू बड़ा वो है
हो
कंकरिया मार के जगाया
कल तू मेरे सपने में आया
बालमा तू बड़ा वो है
ज़ालमा तू बड़ा वो है
सोई थी मैं, कहीं खोई थी मैं
नींद टूटी मेरी तो बड़ा रोई थी मैं
हो
सोई थी मैं, कहीं खोई थी मैं
नींद टूटी मेरी तो बड़ा रोई थी मैं
मेरे रोने पे
मेरे रोने पे तू मुस्कराया
बालमा तू बड़ा वो है
ज़ालमा तू बड़ा वो है
ओ
कंकरिया मार के जगाया
कल तू मेरे सपने में आया
बालमा तू बड़ा वो है
ज़ालमा तू बड़ा वो है
( हो पूछा अगर तू काहे आया इधर
बोला अंजान राही भूल गया डगर ) -२
ख़ूब तूने
ख़ूब तूने बहाना बनाया
बालमा तू बड़ा वो है
ज़ालमा तू बड़ा वो है
ओ
कंकरिया मार के जगाया
कल तू मेरे सपने में आया
बालमा तू बड़ा वो है
ज़ालमा तू बड़ा वो है
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